“प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से…” एक अत्यंत मधुर और रोमांचित कर देने वाला राधा-श्याम भजन है, जिसमें राधा रानी अपने प्रियतम श्याम (कृष्ण) को बार-बार विभिन्न स्थलों पर आमंत्रित करती हैं। यह भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि राधा-कृष्ण की शाश्वत प्रेम गाथा की झलक है। कभी रास के लिए वृंदावन, कभी पनघट पर चरण धोने के लिए, कभी यमुना किनारे बंसी बजाने के लिए — हर पंक्ति उस निष्कलंक प्रेम का प्रतीक है जो भक्त और भगवान के बीच होता है।
Prem nagar ki prem gali mein radha boli shyam se Lyrics in Hindi
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
क्या बोली वह क्या बोली क्या बोली वह क्या बोली…
क्या बोली नंदलाल से वो, क्या बोली घनश्याम से…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
वृंदावन में आओ श्याम, वृंदावन में आओ श्याम…
वृंदावन में आओ श्याम… रास रचायें साथ में…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
पनघट पर आ जाओ श्याम, पनघट पर आ जाओ श्याम….
पनघट पर आ जाओ श्याम, चरण धुलाएं साथ में…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
यमुना तट पर आओ श्याम, यमुना तट पर आओ श्याम…
यमुना तट पर आओ श्याम, बंसी बजाएँ साथ में…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
गोकुल में आ जाओ श्याम, गोकुल में आ जाओ श्याम…
गोकुल में आ जाओ श्याम, माखन चुराए साथ में…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
बरसाने में आओ श्याम, बरसाने में आओ श्याम…
बरसाने में आओ श्याम, झूला झूले साथ में…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से….
क्या बोली वह क्या बोली क्या बोली वह क्या बोली…
क्या बोली नंदलाल से वो, क्या बोली घनश्याम से…
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से…
Prem nagar ki prem gali mein radha boli shyam se Lyrics in English
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Kya boli woh kya boli kya boli woh kya boli…
Kya boli Nandlal se wo, kya boli Ghanshyam se…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Vrindavan mein aao Shyam, Vrindavan mein aao Shyam…
Vrindavan mein aao Shyam… Raas rachayein saath mein…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Panghat par aa jao Shyam, Panghat par aa jao Shyam…
Panghat par aa jao Shyam, charan dhulaayein saath mein…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Yamuna tat par aao Shyam, Yamuna tat par aao Shyam…
Yamuna tat par aao Shyam, bansuri bajayein saath mein…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Gokul mein aa jao Shyam, Gokul mein aa jao Shyam…
Gokul mein aa jao Shyam, makhan churaayein saath mein…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Barsane mein aao Shyam, Barsane mein aao Shyam…
Barsane mein aao Shyam, jhoola jhoole saath mein…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Kya boli woh kya boli kya boli woh kya boli…
Kya boli Nandlal se wo, kya boli Ghanshyam se…
Prem nagar ki prem gali mein Radha boli Shyam se…
Lyrics Explaination
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से…
राधा ने प्रेम से भरी गलियों में श्याम से मधुर वचन कहे।
क्या बोली वह क्या बोली, क्या बोली वह क्या बोली…
सबको जिज्ञासा है, राधा ने क्या कहा अपने श्याम से?
क्या बोली नंदलाल से वो, क्या बोली घनश्याम से…
राधा ने अपने नंदलाल, अपने प्यारे घनश्याम से प्रेम का निवेदन किया।
वृंदावन में आओ श्याम… रास रचाएं साथ में…
राधा ने श्याम को वृंदावन बुलाया, रास रचाने का आमंत्रण दिया।
पनघट पर आ जाओ श्याम… चरण धुलाएं साथ में…
राधा चाहती हैं कि श्याम पनघट आएं, जहाँ वो उनके चरणों को प्रेम से धो सकें।
यमुना तट पर आओ श्याम… बंसी बजाएं साथ में…
राधा ने श्याम से कहा कि यमुना किनारे चलें और वहाँ बांसुरी की धुन में खो जाएं।
गोकुल में आ जाओ श्याम… माखन चुराएं साथ में…
राधा को वह बाल लीलाएं याद हैं जहाँ श्याम संग माखन चुराना भी एक प्रेम भाव था।
बरसाने में आओ श्याम… झूला झूले साथ में…
राधा चाहती हैं कि श्याम उनके बरसाने आएं और झूले का आनंद साथ में लें।
प्रेम नगर की प्रेम गली में राधा बोली श्याम से…
यह प्रेम नगर की गली नहीं, राधा और श्याम के अमर प्रेम की कथा है।
क्या बोली वह क्या बोली, क्या बोली वह क्या बोली…
राधा ने कहा — साथ चलो श्याम, हर क्षण प्रेम में रमे रहें।
क्या बोली नंदलाल से वो, क्या बोली घनश्याम से…
राधा बोली — बस तुम मेरे रहो, मैं तुम्हारी… यही है प्रेम संदेश।
Conclusion (निष्कर्ष):
यह भजन हमें राधा-कृष्ण के उस प्रेम की याद दिलाता है जिसमें कोई औपचारिकता नहीं, बस निष्कलंक आत्मिक जुड़ाव है। राधा का हर बुलावा, हर आग्रह, हर पुकार — श्याम को समर्पण और प्रेम से अपने पास बुलाने की कोशिश है। यह भजन बताता है कि प्रेम की गली में कोई बड़ा-छोटा नहीं होता, वहाँ सिर्फ हृदय का जुड़ाव होता है। “प्रेम नगर की प्रेम गली में…” की यह पुकार, हर कृष्ण भक्त के दिल में प्रेम का दीपक जला देती है।