“बोलो बोलो रे गोपाला बोलो” एक अनुपम भक्ति गीत है जो भक्त और भगवान श्रीकृष्ण के आत्मिक संबंध को उजागर करता है। यह भजन हमें बताता है कि जब-जब किसी भक्त ने पुकारा, श्रीकृष्ण ने किसी न किसी रूप में प्रकट होकर उसकी रक्षा की। मीरा के लिए विषपान में, द्रौपदी के लिए साड़ी में, भीलनी के लिए बैर में और प्रह्लाद के लिए खंभे में — हर बार श्रीकृष्ण ने अपनी उपस्थिति से यह सिद्ध किया कि सच्चे भक्त की पुकार कभी व्यर्थ नहीं जाती।
Bolo bolo re Gopala bolo Lyrics in Hindi
बोलो बोलो रे गोपाल बोलो
मैं तेरी तुम मेरे हो लो…
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
मीरा ने जब जब पुकारा
तूने जहर का लिया सहारा
तुम जहर में परकट हो लो
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
भीलनी ने जब जब पुकारा…
तूने बैरों का लिया सहारा…
तुम बैरों में परकट हो लो…
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
द्रोपदी ने जब जब पुकारा…
तूने साड़ी का लिया सहारा…
तुम साड़ी में परकट हो लो…
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
प्रहलाद ने जब जब पुकारा…
तूने खम्भे का लिया सहारा…
तुम खम्भे में परकट हो लो…
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
बोलो बोलो रे गोपाल बोलो…
मैं तेरी तुम मेरे हो लो…
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
Bolo bolo re Gopala bolo Lyrics in English
Bolo bolo re Gopal bolo
Main teri tum mere ho lo…
Bolo bolo re Gopala bolo
Meera ne jab jab pukara
Tune zehar ka liya sahara
Tum zehar mein parkat ho lo
Bolo bolo re Gopala bolo
Bhilni ne jab jab pukara…
Tune bairon ka liya sahara…
Tum bairon mein parkat ho lo…
Bolo bolo re Gopala bolo
Droupadi ne jab jab pukara…
Tune saadi ka liya sahara…
Tum saadi mein parkat ho lo…
Bolo bolo re Gopala bolo
Prahlad ne jab jab pukara…
Tune khambhe ka liya sahara…
Tum khambhe mein parkat ho lo…
Bolo bolo re Gopala bolo
Bolo bolo re Gopal bolo…
Main teri tum mere ho lo…
Bolo bolo re Gopala bolo
Lyrics Explaination
बोलो बोलो रे गोपाल बोलो, मैं तेरी तुम मेरे हो लो, बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
यहां भक्त प्रभु श्रीकृष्ण को प्रेमपूर्वक पुकार रहा है, उसे याद दिला रहा है कि “हे गोपाल! हम तुम्हारे हैं, और तुम हमारे बन जाओ। हमें अपने प्रेम में बांध लो।”
मीरा ने जब जब पुकारा, तूने जहर का लिया सहारा, तुम जहर में परकट हो लो, बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
जब भक्त मीरा ने विष का प्याला पीने की परीक्षा दी, तब श्रीकृष्ण उस विष में स्वयं प्रकट हुए और उसे अमृत बना दिया। भक्त को बचाने के लिए प्रभु ने विष में अपनी उपस्थिति दिखाई।
भीलनी ने जब जब पुकारा, तूने बैरों का लिया सहारा, तुम बैरों में परकट हो लो, बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
जब भीलनी (शबरी) ने कृष्ण को पुकारा, उन्होंने बेरों का स्वाद चखा और उनमें अपने आप को प्रकट किया। यह भक्ति की सबसे बड़ी मिसाल है, जहां प्रेम ही सबसे बड़ा आदर है।
द्रोपदी ने जब जब पुकारा, तूने साड़ी का लिया सहारा, तुम साड़ी में परकट हो लो, बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
द्रौपदी की लाज की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण उसकी साड़ी में प्रकट हुए और उसे अनंत वस्त्र देकर अपमान से बचाया — यह दर्शाता है कि संकट में पुकारते ही भगवान आते हैं।
प्रहलाद ने जब जब पुकारा, तूने खम्भे का लिया सहारा, तुम खम्भे में परकट हो लो, बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
प्रहलाद को बचाने के लिए भगवान नरसिंह रूप में खंभे से प्रकट हुए और हिरण्यकश्यप का संहार किया — यह दर्शाता है कि जब भक्त सच्चे मन से पुकारता है, भगवान किसी भी रूप से आ जाते हैं।
बोलो बोलो रे गोपाल बोलो, मैं तेरी तुम मेरे हो लो, बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
भजन के अंत में फिर से वही प्रेमपूर्ण पुकार है कि “हे गोपाल! हम तुम्हारे हैं, अब तुम भी हमारे हो जाओ।”
भावार्थ संक्षेप में:
यह भजन भक्ति, विश्वास और भगवान की कृपा पर आधारित है। यह बताता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने सच्चे भक्तों की पुकार सुनते हैं और समय आने पर किसी भी रूप में प्रकट होकर उनकी रक्षा करते हैं — चाहे वह विष हो, बेर, साड़ी, या खंभा। यह हर भक्त को प्रेरित करता है कि वह प्रेम और श्रद्धा से गोपाल को पुकारे।
Conclusion (निष्कर्ष):
यह भजन सिर्फ इतिहास की घटनाओं की गाथा नहीं, बल्कि आज के युग में भी भक्तों के विश्वास की जीवंत मिसाल है। जब कोई भक्त पूर्ण श्रद्धा से कहता है “मैं तेरी, तू मेरे हो लो,” तो उसमें समर्पण, प्रेम और एकता की सर्वोच्च भावना समाहित होती है। श्रीकृष्ण हर समय, हर युग, हर परिस्थिति में अपने भक्तों के साथ हैं — बस आवश्यकता है तो मीरा जैसे प्रेम, द्रौपदी जैसी पुकार और प्रह्लाद जैसे विश्वास की। यही इस भजन का संदेश है — “बोलो बोलो रे गोपाला बोलो।”