तेरे मन्दिरा जो आया ओ मैया, महारानी ओ मैया ओ जालपा

Tere Mandira Jo Aaya O Maiya lyrics

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By Naman Sharma

Updated on:

Tere Mandira Jo Aaya O Maiya, Maharani O Maiya O Jalpa Lyrics in Hindi

तेरे मंदिरा जो आए, महाराणी ओ मैया ओ जालपा
महाराणी ओ मैया ओ जालपा, महाराणी ओ मैया ओ जालपा
तेरे मंदिरा जो आए, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

मैं हूँ गरीब मैया, भूली मत जाया
मंदिरा जो छडी, कने मेरे घर आया
दुनिया रा हाऊं ठुकराया, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

मांवा नु पुत देंदी, बेहना नु भाई
पैदल चल के मैं भी आया
द्वारे तेरे ठंडी-ठंडी छावां, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

तेरे मंदरा रिया, खड़िया चढ़ाइयाँ
पैदल चली के मैया तेरे द्वारे आया
हांडी-हांडी के थकी आया, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

अकबर राजे दिता, सोने रा छतर
मैं भी ता दिता, मैया फूल होर पतर
फुला रा हार लई आया, ओ मैया फुला रा हार लई आया…

महाराणी ओ मैया ओ जालपा
तेरे मंदिरा जो आए, महाराणी ओ मैया ओ जालपा
महाराणी ओ मैया ओ जालपा, महाराणी ओ मैया ओ जालपा
तेरे मंदिरा जो आए, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

Tere Mandira Jo Aaya O Maiya, Maharani O Maiya O Jalpa Lyrics in English

Tere mandira jo aaya, Maharani o Maiya o Jalpa
Maharani o Maiya o Jalpa, Maharani o Maiya o Jalpa
Tere mandira jo aaya, Maharani o Maiya o Jalpa…

Main hoon gareeb Maiya, bhooli mat jaaya
Mandira jo chhadi, kane mere ghar aaya
Duniya ra haun thukraya, Maharani o Maiya o Jalpa…

Maawa nu puth dendi, behna nu bhai
Paidal chal ke main bhi aaya
Dwaare tere thandi-thandi chaawan, Maharani o Maiya o Jalpa…

Tere mandira riya, khadiya chadhaiyaan
Paidal chali ke Maiya tere dwaare aaya
Handi-handi ke thaki aaya, Maharani o Maiya o Jalpa…

Akbar raje ditta, sone ra chhatar
Main bhi ta ditta, Maiya phool hor patar
Phoola ra haar layi aaya, o Maiya phoola ra haar layi aaya…

Maharani o Maiya o Jalpa
Tere mandira jo aaya, Maharani o Maiya o Jalpa
Maharani o Maiya o Jalpa, Maharani o Maiya o Jalpa
Tere mandira jo aaya, Maharani o Maiya o Jalpa…

तेरे मन्दिरा जो आया ओ मैया, महारानी ओ मैया ओ जालपा

Lyrics Explain

यह भजन “महाराणी ओ मैया ओ जालपा” एक सच्चे भक्त के भाव और माँ जालपा के प्रति उसकी भक्ति को दर्शाता है। इसमें वह माँ के दरबार आने की खुशी, अपनी श्रद्धा और विनम्रता को सुंदर शब्दों में बयां करता है। आइए इसे लाइन दर लाइन समझते हैं:


1. तेरे मंदिरा जो आए, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

भावार्थ:
हे माँ जालपा, जो भी तेरे मंदिर में आता है, वह तुझे “महारानी” कहकर पुकारता है — तू राजराजेश्वरी है, सबकी माँ है।


2. मैं हूँ गरीब मैया, भूली मत जाया

भावार्थ:
हे माँ, मैं तेरा एक गरीब भक्त हूँ, मुझे मत भूल जाना।


3. मंदीरा जो छडी, कने मेरे घर आया

भावार्थ:
जब कोई तेरे मंदिर से लौटता है, तो वह मेरे घर के पास से होकर जाता है, लेकिन तू मेरे घर अब तक नहीं आई।


4. दुनिया रा हाऊं ठुकराया, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…

भावार्थ:
हे माँ, मुझे इस दुनिया ने ठुकरा दिया है, अब सिर्फ तुझ पर ही भरोसा है।


5. मांवा नु पुत देंदी, बेहना नु भाई

भावार्थ:
तू माताओं को पुत्र देती है और बहनों को भाई का सुख देती है — तू वरदानों की देवी है।


6. पैदल चल के मैं भी आया

भावार्थ:
मैं भी नंगे पांव, लंबा सफर तय करके तेरे दरबार में आया हूँ।


7. द्वारे तेरे ठंडी-ठंडी छावां…

भावार्थ:
तेरे द्वार पर आकर ऐसा सुकून मिलता है, जैसे गर्मी में ठंडी छांव — यह शांति केवल तेरे चरणों में ही है।


8. तेरे मंदरा रिया, खड़िया चढ़ाइयाँ

भावार्थ:
मैंने तेरे मंदिर की सीढ़ियाँ चढ़ी हैं — यह दर्शाता है कि मैंने कठिन सफर और परिश्रम से तेरे दर्शन पाए हैं।


9. पैदल चली के मैया तेरे द्वारे आया

भावार्थ:
मैं माँ, खुद पैदल चला और तेरे द्वार पर आया, कोई वाहन या साधन नहीं था — मेरी आस्था ही मेरी सवारी थी।


10. हांडी-हांडी के थकी आया…

भावार्थ:
मैं हर मोड़, हर रास्ते से थक कर आया हूँ — लेकिन माँ, यह थकान भी मीठी लगती है क्योंकि तेरे द्वार पर पहुँचा हूँ।


11. अकबर राजे दिता, सोने रा छतर

भावार्थ:
इतिहास में सम्राट अकबर ने तुझे सोने का छत्र चढ़ाया था — तू राजा-महाराजाओं की भी देवी है।


12. मैं भी ता दिता, मैया फूल होर पतर

भावार्थ:
लेकिन मैं तो एक साधारण भक्त हूँ, मैंने तेरे लिए फूल और पत्ते ही चढ़ाए — यही मेरी श्रद्धा है।


13. फुला रा हार लई आया, ओ मैया फुला रा हार लई आया…

भावार्थ:
हे माँ, मैं तेरे लिए फूलों की माला लेकर आया हूँ — यही मेरे मन का उपहार है।


निष्कर्ष:

यह भजन एक साधारण भक्त की सच्ची आस्था, प्रेम और त्याग को दर्शाता है। माँ के दरबार में राजा से लेकर आम इंसान तक सब बराबर हैं। कोई सोने का छत्र चढ़ाता है, तो कोई फूल की माला — लेकिन माँ की कृपा सब पर एक जैसी होती है।

Conclusion (निष्कर्ष):

भजन “तेरे मंदिरा जो आए, महाराणी ओ मैया ओ जालपा…” माँ जालपा के प्रति अटूट भक्ति और श्रद्धा का सुंदर चित्रण है। इसमें एक सच्चे भक्त के भाव व्यक्त होते हैं, जो माँ से प्रेम करता है, उसे राजा-रानी नहीं, बल्कि अपनी आत्मा की माँ मानता है। वह माँ से कुछ मांगता नहीं, बस अपनी थकान, श्रद्धा और फूलों की माला लेकर उसके दर पर आता है।

यह भजन बताता है कि माँ के दरबार में किसी के पास कितना धन है, यह मायने नहीं रखता — सच्ची भक्ति और प्रेम ही सबसे बड़ा चढ़ावा है। माँ जालपा सबकी पुकार सुनती हैं, चाहे वह राजा हो या गरीब भक्त। इस भजन का सार यही है कि माँ की शरण में आने वाला कभी खाली नहीं लौटता, और उसकी ममता की छांव में हर दुख मिट जाता है।

Devi ke Bhajanbhajan

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Naman Sharma

Naman Sharma, Content Creator, writer, Blogger, YouTuber, Folk Song Writter