Odhi odhi re maiya ji ne laal chunari
ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनरी,
जयकारा शेरावाली दा,
बोल सच्चे दरबार की – जय!
लाल चुनरी, घोटेदार चुनरी,
ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनरी॥
सतयुग में माँ जन्म लियो है,
शक्ति माँ कहलाई,
भोले संग माँ ब्याह रचाया, जय हो!
हवन में गई समाई,
ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनरी॥
त्रेता में माँ जन्म लियो है,
सीता माँ कहलाई,
राम के संग में ब्याह रचाया,
वन में गई चुराई,
ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनरी॥
कलयुग में माँ जन्म लियो है,
वैष्णो माँ कहलाई,
भैरव बाबा पीछे पड़ गए,
गुफा में गई समाई,
ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनरी,
लाल चुनरी, घोटेदार चुनरी,
ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनरी॥