“मोर सवारी आ मेरे बाबा” एक अत्यंत भावपूर्ण और लोकभाषा में गाया जाने वाला भजन है, जो भक्तों की गहरी आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के बीच लोकप्रिय है जो अपने बाबा (शिव या किसी स्थानीय संत रूप) को प्रेम और भक्ति से पुकारते हैं।
भजन की हर पंक्ति में बाबा की महिमा, उनका भव्य स्वरूप और भक्तों पर बरसाई जाने वाली कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है। मोर सवारी, लम्बे उड़ार, सिंगी, भभूती और बोहड़ के नीचे जलती धूनी जैसे प्रतीकों के माध्यम से बाबा की शक्ति और भक्तों से उनका जुड़ाव भावनात्मक रूप से सामने आता है।
Table of Content
इस भजन को जब भाव से गाया जाता है, तो यह न केवल वातावरण को भक्तिमय बना देता है, बल्कि हर सुनने वाले के दिल को भी छू जाता है। चाहे मंदिर में हो या घर पर, “मोर सवारी आ मेरे बाबा” की गूंज श्रद्धा से भरे मन को शांति और ऊर्जा प्रदान करती है।
mor swari aa mere baba Lyrics in Hindi
मोर सवारी आ मेरे बाबा मोर सवारी आ,
आया है आया बाबा मोर सवारी आया,
मोर सवारी आ मेरे बाबा मोर सवारी आ,
लमियाँ उड़ारा ला मेरे बाबा लमियाँ उड़ारा ला,
लाइयाँ हो लाइयाँ बाबे ने लमियाँ उड़ारा लाइयाँ ,
गल विच सिंगी पा मेरे बाबा गल विच सिंगी पा,
पाई हो पाई बाबे ने गल विच सिंगी पाई,
मुंडे झोली पा मेरे बाबा मुंडे झोली पा ,
पाई हो पाई बाबे ने मुंडे झोली पाई,
अंग भभूती ला मेरे बाबा अंग भबुती ला,
लाई हो लाइ बाबे ने अंग भबुती लाई,
बोहड़ हेठा धुना ला मेरे बाबा बोहड़ हेठा धुना ला,
लाया हो लाया बाबे ने बोहड़ हेठा धुना लाया,
फेरा खड़ाबा पा मेरे बाबा पैर खडावा पा,
पाई हो पाई बाबे ने पैर खडावा पाई,
मोर सवारी आ मेरे बाबा मोर सवारी आ,
mor swari aa mere baba Lyrics in English
Mor Sawari Aa Mere Baba Mor Sawari Aa
Mor Sawari Aa Mere Baba Mor Sawari Aa,
Aaya Hai Aaya Baba Mor Sawari Aaya,
Mor Sawari Aa Mere Baba Mor Sawari Aa
Lamiyaan Udara La Mere Baba Lamiyaan Udara La
Laiyaan Ho Laiyaan Babe Ne Lamiyaan Udara Laiyaan
Gal Vich Singi Pa Mere Baba Gal Vich Singi Pa
Paai Ho Paai Babe Ne Gal Vich Singi Paai
Munde Jholi Pa Mere Baba Munde Jholi Pa
Paai Ho Paai Babe Ne Munde Jholi Paai
Ang Bhabhuti La Mere Baba Ang Bhabhuti La
Laai Ho Laai Babe Ne Ang Bhabhuti Laai
Bohad Hetha Dhuna La Mere Baba Bohad Hetha Dhuna La
Laaya Ho Laaya Babe Ne Bohad Hetha Dhuna Laaya
Phera Khadawa Pa Mere Baba Pera Khadawa Pa
Paai Ho Paai Babe Ne Pera Khadawa Paai
Mor Sawari Aa Mere Baba Mor Sawari Aa
Lyrics Explaination
मोर सवारी आ मेरे बाबा मोर सवारी आ
बाबा मोर (मयूर) की सवारी पर आ रहे हैं, जो उनकी दिव्यता का प्रतीक है।
आया है आया बाबा मोर सवारी आया
बाबा का आगमन हो चुका है, भक्त आनंदित होकर उनका स्वागत कर रहे हैं।
लमियाँ उड़ारा ला मेरे बाबा लमियाँ उड़ारा ला
बाबा ने लंबी-लंबी उड़ानें भरी हैं, जैसे उनकी शक्ति आकाश तक फैली हो।
लाइयाँ हो लाइयाँ बाबे ने लमियाँ उड़ारा लाइयाँ
बाबा ने यह उड़ानें कई बार भरी हैं, उनकी महिमा हर दिशा में फैली हुई है।
गल विच सिंगी पा मेरे बाबा गल विच सिंगी पा
बाबा ने अपने गले में सिंगी धारण की है, जो साधु रूप का संकेत देती है।
पाई हो पाई बाबे ने गल विच सिंगी पाई
बाबा ने वास्तव में अपने गले में वह धार्मिक वस्तु धारण की है।
मुंडे झोली पा मेरे बाबा मुंडे झोली पा
बाबा ने युवाओं को अपनी झोली में स्थान दिया है, वे सभी को अपनाते हैं।
पाई हो पाई बाबे ने मुंडे झोली पाई
बाबा ने उन युवाओं को भी अपने शरण में लिया है, जिनकी झोली खाली थी।
अंग भभूती ला मेरे बाबा अंग भभूती ला
बाबा ने अपने शरीर पर भभूती लगाई है, जो तपस्विता और वैराग्य का प्रतीक है।
लाई हो लाई बाबे ने अंग भभूती लाई
बाबा ने यह भभूती पूरी श्रद्धा से अपने शरीर पर लगाई है।
बोहड़ हेठा धुना ला मेरे बाबा बोहड़ हेठा धुना ला
बाबा ने बरगद (बोहड़) के पेड़ के नीचे धूना जलाया है, जो साधना का केंद्र है।
लाया हो लाया बाबे ने बोहड़ हेठा धुना लाया
बाबा ने वहीं पर अपना साधना स्थल बनाया है और वहीं से कृपा बरसाई है।
फेरा खड़ाबा पा मेरे बाबा पैर खडावा पा
बाबा ने अपने पैरों में लकड़ी की पादुकाएं पहनी हैं, साधु जीवन का चिन्ह है।
पाई हो पाई बाबे ने पैर खडावा पाई
बाबा ने यह खड़ावा पहनकर त्याग और तपस्या को अपनाया है।
मोर सवारी आ मेरे बाबा मोर सवारी आ
बाबा पुनः मोर की सवारी पर पधारे हैं, यह दृश्य भक्तों के लिए आनंददायक है।
Conclusion
निष्कर्ष (Human-Written Conclusion in Hindi):
“मोर सवारी आ मेरे बाबा” भजन सिर्फ शब्दों का मेल नहीं, बल्कि भक्त और बाबा के बीच के प्रेम, आस्था और भरोसे का सजीव चित्र है। इस भजन में लोक संस्कृति की मिठास भी है और भक्ति की गहराई भी।
जब हम इस भजन को गाते या सुनते हैं, तो ऐसा महसूस होता है जैसे हमारे बाबा सचमुच मोर की सवारी पर सवार होकर हमारे द्वार पर आ गए हों — आशीर्वाद देने, हमारी पीड़ा हरने और हमें अपने स्नेह से भर देने।
इस भजन की सरल भाषा, लोकगायन की शैली और उसमें छुपी आत्मीयता हर किसी के मन को छू जाती है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि सच्चे मन से किया गया स्मरण और प्रेमपूर्ण पुकार बाबा तक ज़रूर पहुँचती है — और जब बाबा आते हैं, तो केवल उनकी सवारी नहीं आती, साथ लाते हैं वो कृपा, शांति और विश्वास की छाया।
जय बाबा की।