Mai to layi hu dane anar ke Lyrics In Hindi
मै तो लाई हूं दाने अनार के, अनार के,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
ढोलकी वाले तेरा क्या जाएगा… (2)
मेरी मईया का कीर्तन हो जाएगा… (2)
तू ढोलकी बजा बड़े प्यार से, प्यार से,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
🌸 मै तो लाई हूं दाने अनार के, अनार के,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
चिमटे वाले तेरा क्या जाएगा… (2)
मेरी मईया का कीर्तन हो जाएगा… (2)
चिमटे वाले तू चिमटा बजा बड़े प्यार से, प्यार से,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
🌸 मै तो लाई हूं दाने अनार के, अनार के,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
ताली वाले तेरा क्या जाएगा… (2)
मेरी मईया का कीर्तन हो जाएगा… (2)
ताली वाले तू ताली बजा बड़े प्यार से, प्यार से,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
🌸 मै तो लाई हूं दाने अनार के, अनार के,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
लकड़ी वाले तेरा क्या जाएगा… (2)
मेरी मईया का कीर्तन हो जाएगा… (2)
लकड़ी वाले तू भवन बना बड़े प्यार से, प्यार से,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
🌸 मै तो लाई हूं दाने अनार के, अनार के,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के… (2)
मैं तो लाई हूं दाने अनार के” एक अत्यंत मधुर और भक्तिभाव से भरा हुआ भजन है, जो विशेष रूप से नवरात्रि के अवसर पर गाया जाता है। यह भजन एक भक्त की माँ वैष्णो देवी के प्रति अगाध श्रद्धा, प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। भक्त माँ के नौ दिनों की विशेष महिमा का वर्णन करते हुए कहता है कि वह माँ को प्रसन्न करने के लिए अनार के मीठे दाने लेकर आया है — जो प्रेम, फलदायिता और श्रद्धा का प्रतीक है।
भजन में विभिन्न वाद्य यंत्रों से जुड़े लोगों — जैसे ढोलकी, चिमटा, ताली, और लकड़ी वाले — को माँ की सेवा में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया है। यह एक सुंदर रूपक है जो बताता है कि हर किसी की सेवा मायने रखती है, चाहे वह छोटी हो या बड़ी। भजन का हर अंतरा यही संदेश देता है कि माँ की भक्ति में योगदान देने वाला हर कार्य पुण्यदायी है और माँ सबकी सेवा को स्वीकार करती हैं।
Mai to layi hu dane anar ke Lyrics In English
Mai to laayi hoon dane anar ke, anar ke,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
Dholki wale tera kya jaayega… (2)
Meri maiya ka kirtan ho jaayega… (2)
Tu dholki baja bade pyaar se, pyaar se,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
🌸 Mai to laayi hoon dane anar ke, anar ke,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
Chimte wale tera kya jaayega… (2)
Meri maiya ka kirtan ho jaayega… (2)
Chimte wale tu chimta baja bade pyaar se, pyaar se,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
🌸 Mai to laayi hoon dane anar ke, anar ke,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
Taali wale tera kya jaayega… (2)
Meri maiya ka kirtan ho jaayega… (2)
Taali wale tu taali baja bade pyaar se, pyaar se,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
🌸 Mai to laayi hoon dane anar ke, anar ke,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
Lakdi wale tera kya jaayega… (2)
Meri maiya ka kirtan ho jaayega… (2)
Lakdi wale tu bhavan bana bade pyaar se, pyaar se,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2)
🌸 Mai to laayi hoon dane anar ke, anar ke,
Meri maiya ke nau din bahar ke… (2
Lyrics Explaination
भजन “मैं तो लाई हूं दाने अनार के” की लाइन-बाय-लाइन व्याख्या:
🔸 **”मैं तो लाई हूं दाने अनार के, अनार के,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के…”**
यह पंक्ति एक भक्त के सच्चे प्रेम और भक्ति को दर्शाती है। वह कहती है कि —
“मैं माँ के लिए अनार के दाने लाई हूँ, क्योंकि ये नौ दिन (नवरात्रि) माँ के स्वागत और भक्ति के लिए हैं।”
यह माँ के लिए प्रेम, श्रद्धा और भोग की भावना को दर्शाता है।
🔸 **”ढोलकी वाले तेरा क्या जाएगा,
मेरी मईया का कीर्तन हो जाएगा…”**
यहाँ भक्त ढोलकी बजाने वाले से कह रहा है —
“तू निस्वार्थ भाव से ढोलकी बजा। तुझे क्या नुकसान होगा?
तेरे बजाने से माँ का कीर्तन हो जाएगा, और माँ प्रसन्न होंगी।”
🔸 **”तू ढोलकी बजा बड़े प्यार से,
मेरी मईया के नौ दिन बहार के…”**
यह पंक्ति एक उत्सव और भक्ति का आह्वान है —
कि सब प्रेम से भाग लें, क्योंकि माँ के ये नौ दिन खास हैं।
🔸 “चिमटे वाले तेरा क्या जाएगा…”
ढोलकी के बाद अब चिमटा बजाने वाले को पुकारा जा रहा है —
“तू भी माँ के भजन में भाग ले, तेरा भी भला होगा।
तू चिमटा बजा, क्योंकि माँ की सेवा में कोई भी कार्य छोटा नहीं होता।”
🔸 “ताली वाले तेरा क्या जाएगा…”
अब ताली बजाने वालों को प्रेरित किया जा रहा है —
“तू भी श्रद्धा से ताली बजा, माँ की आराधना में ये भी सेवा ही है।
जो भी करे, प्रेम और समर्पण से करे।”
🔸 “लकड़ी वाले तेरा क्या जाएगा…”
यहाँ लकड़ी (मंच या मंडप बनाने वाला) वाले को कहा जा रहा है —
“तू माँ का भवन बना — इससे माँ खुश होंगी, और तुझे पुण्य मिलेगा।
तेरा कुछ नहीं जाएगा, पर तुझे आशीर्वाद ज़रूर मिलेगा।”
🌺 निष्कर्ष (Conclusion):
यह भजन भक्त और माँ के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है।
हर पंक्ति एक ही बात दोहराती है —
“माँ के लिए किया गया हर छोटा काम भी बड़ा पुण्य है। जो भी सेवा हो, प्रेम से करो।”
माँ के नौ दिन — नवरात्रि — सिर्फ भक्ति के नहीं, उत्सव और समर्पण के भी दिन हैं।
हर कोई, चाहे वह ढोलकी वाला हो, ताली बजाने वाला या लकड़ी से मंच बनाने वाला — माँ की भक्ति में शामिल हो सकता है।
यह भजन सभी को यह प्रेरणा देता है कि —
“भक्ति में बड़ा-छोटा कुछ नहीं होता, बस भावना सच्ची होनी चाहिए।”
निष्कर्ष (Conclusion):
यह भजन केवल एक गीत नहीं बल्कि भक्ति का उत्सव है, जो नवरात्रि जैसे पावन अवसर पर भक्तों को माँ की सेवा और आराधना में सहभागी होने के लिए प्रेरित करता है। “तेरा क्या जाएगा?” जैसी पंक्तियों के माध्यम से यह भजन निस्वार्थ सेवा, सामूहिक भागीदारी, और सच्चे प्रेम की भावना को प्रकट करता है।
भजन यह संदेश देता है कि माँ की भक्ति में कोई भी छोटा नहीं होता — चाहे कोई ढोल बजाए, ताली बजाय या मंच बनाए — माँ हर सेवा को अपनाती हैं और सब पर अपनी कृपा बरसाती हैं। यह भजन हमें सिखाता है कि भक्ति सामर्थ्य से नहीं, भावना से होती है।
नवरात्रि के नौ दिन माँ के स्वागत, भक्ति, और प्रेम के प्रतीक हैं, और यह भजन हर हृदय को माँ की भक्ति से जोड़ता है। यही इसकी सुंदरता और महत्ता है — एकता, समर्पण और भक्ति का मेल।