Gufa ke andar maa tera mandir Lyrics in hindi
गुफा के अंदर माँ तेरा मंदिर …
जगमग ज्योत जले …
ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है ||
सुनसुनेहरा मंदिर माँ दा …
विच माँ वैष्णो रानी …
ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है ||
उच्चेयाँ पहाड़ा मैया, मंदिर जे तेरा …
रौनक़ा ने लगिया माँ …
ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है ||
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुये दा राजा …
जीने तेरा भवन बनाया …
ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है ||
Gufa ke andar maa tera mandir Lyrics in english
Gufa ke andar maa tera mandir,
Jagmag jyot jale…
O maa, O Sherawali maa, mujhe tera sahara hai…
Sunsunehra mandir maa da,
Vich maa Vaishno Rani…
O maa, O Sherawali maa, mujhe tera sahara hai…
Uchcheyaan pahada maiya, mandir jeh tera,
Raunaka ne lagiya maa…
O maa, O Sherawali maa, mujhe tera sahara hai…
Jug jug jeeve tera Jammuje da raja,
Jeene tera bhavan banaya…
O maa, O Sherawali maa, mujhe tera sahara hai…
गुफा के अंदर माँ तेरा मंदिर … जगमग ज्योत जले
माँ वैष्णो का मंदिर एक गुफा के अंदर स्थित है। इस पंक्ति में भक्त बता रहा है कि उस गुफा में दीपकों की रोशनी से मंदिर जगमगा रहा है — वहां हमेशा ज्योति जलती रहती है, जो माँ की मौजूदगी और शक्ति का प्रतीक है।
🐯 ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है
भक्त माँ दुर्गा (शेरावाली माँ) को पुकारते हुए कहता है कि उसे जीवन में किसी और का सहारा नहीं चाहिए, बस माँ की कृपा ही उसके लिए सबसे बड़ा सहारा है।
🛕 सुनसुनेहरा मंदिर माँ दा … विच माँ वैष्णो रानी
यह पंक्ति माँ के मंदिर की भव्यता को दर्शाती है। भक्त कहता है कि माँ का मंदिर सुनहरा (अर्थात पवित्र, शांत और दिव्य) है, और उसमें माँ वैष्णो रानी स्वयं विराजमान हैं।
🐯 ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है
फिर से भक्त माँ की शरण में जाने की बात दोहराता है — यही उसके जीवन का सबसे बड़ा संबल है।
⛰️ उच्चेयाँ पहाड़ा मैया, मंदिर जे तेरा … रौनक़ा ने लगिया माँ
यह पंक्ति बताती है कि माँ का मंदिर ऊँचे पर्वतों पर स्थित है, और उस जगह की शोभा (रौनक़) माँ की उपस्थिति से बढ़ जाती है। यह केवल एक स्थान नहीं, बल्कि ऊर्जा और भक्ति का केंद्र है।
🐯 ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है
माँ के स्वरूप को दोहराते हुए भक्त बताता है कि उसे जीवन की हर परिस्थिति में केवल माँ की जरूरत है।
👑 जुग जुग जीवे तेरा जम्मुये दा राजा … जीने तेरा भवन बनाया
भक्त उस राजा को धन्यवाद देता है जिसने माँ का यह पावन भवन (मंदिर) बनवाया। वह काम आज भी भक्तों की आस्था को जोड़ता है, इसलिए वह राजा युगों-युगों तक अमर रहे — ऐसी कामना करता है।
🐯 ओ माँ, ओ शेरावाली माँ, मुझे तेरा सहारा है
भजन का अंतिम भाव यही है कि संसार में जितने भी सहारे हो सकते हैं, भक्त को सिर्फ माँ की कृपा और चरणों की ही सबसे अधिक ज़रूरत है।
🌸 संक्षेप में:
यह भजन माँ के पवित्र मंदिर, भक्ति, और श्रद्धा को समर्पित है। इसमें माँ की महिमा को उनकी गुफा, ज्योति, पहाड़, और भक्तों की भावना के माध्यम से दर्शाया गया है। माँ वैष्णो देवी की शरण को ही भक्त अपनी सबसे बड़ी शक्ति और सहारा मानता है।
इस भजन का निष्कर्ष (Conclusion) यह दर्शाता है कि माँ वैष्णो देवी की शरण में आकर भक्त को सच्चा मानसिक सुकून, आस्था, और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। माँ का मंदिर चाहे गुफा में स्थित हो या ऊँचे पहाड़ों पर, वह भक्तों के लिए आशा का दीप और विश्वास का प्रतीक है।
भक्त यह स्वीकार करता है कि जीवन के हर मोड़ पर, हर संघर्ष में उसे सिर्फ और सिर्फ शेरावाली माँ का ही सहारा चाहिए। माँ की मौजूदगी से ही जीवन की अंधकारमयी राहें जगमग ज्योति से भर जाती हैं और मन को एक नई दिशा मिलती है।
भजन माँ की महिमा को स्थल, स्वरूप, और श्रद्धालु वातावरण के माध्यम से प्रस्तुत करता है, और यह भाव जगाता है कि ईश्वर की सच्ची भक्ति में ही जीवन की असली शांति और सफलता छिपी है।
अंत में यही संदेश मिलता है —
“माँ तेरे बिना कुछ नहीं, और तेरे साथ ही सब कुछ है।”