Dwar tere maa jo aaye mangiya murad pa gaya
द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…
सुख दे नाल हजारो मुईयां, दुख में ना कोई साथी है,
सुख विच तैनु भूली जांदे, दुःख विच कैहदे दाती है।
अमर रहे तेरा ध्यान, भगत चरणो में शीश झुका गए।
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…
द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…
बुझदीयाँ जोता जगा, मेरी मईयां तु ही शेरावाली है,
तु ही शेरावाली है ओ मईया, तु ही हॉटा वाली है।
द्वारे तेरे दा क्या कैहणा, जेड़ा अकबर शीश झुका गया,
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…
द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…
खिलेया फूल गुलाब दा, जेड़ा भंवरा उड्दी-उड्दी पैंदा है,
जिसदे मन विच गम हो मईयां, सीना फडफड पैंदा है।
खिलेया फूल गुलाब दा, जेढा हवा विन मुरझा गया।
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…
द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,
बस्ती रहे माँ विच जंगला, तेरा चानण जग विच छा गया…