कालेया कागा मीठा मीठा बोल

Kaleya kaga meetha meetha bol bhajan lyrics image

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By Naman Sharma

Updated on:

“कालेया कागा मीठा मीठा बोल…” एक अत्यंत भावनात्मक और श्रद्धा से ओतप्रोत भजन है, जो माँ महाकाली के आगमन की खुशखबरी और उनके स्वरूप की विशेषताओं को अत्यंत भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करता है। यह भजन उस भक्त की पुकार है जो कौवे से आग्रह करता है कि वह मीठा-मीठा बोले, क्योंकि आज माँ का आगमन होना है। माँ के आगमन की निशानियाँ — लाल चुनरी, लाल बिंदी, हार, चूड़ियाँ, और साड़ियाँ — माँ की दिव्यता और शक्ति को प्रकट करती हैं।

Kaleya kaga meetha meetha bol Lyrics in Hindi

कालेया कागा मीठा मीठा बोल…
आज मेरी मैय्या ने आणा है…

आज मेरी मैय्या ने औणा है…
आज महाकाली ने औणा है…

क्या है निशानी मेरी मैय्या दी… 2
ओ सिरे दिया चुनियां लालो लाल…
यही है निशानी मेरी मैय्या दी…

कालेया कागा मीठा मीठा बोल…

क्या है निशानी मेरी मैय्या दी… 2
ओ माथे दिया बिंदिया लालो लाल…
यही है निशानी मेरी मैय्या दी…

कालेया कागा मीठा मीठा बोल...

क्या है निशानी मेरी मैय्या दी… 2
ओ गले दा ये हार लालो लाल…
यही है निशानी मेरी मैय्या दी…

कालेया कागा मीठा मीठा बोल…

क्या है निशानी मेरी मैय्या दी… 2
ओ अंगे दिया साड़ियां लालो लाल…
यही है निशानी मेरी मैय्या दी…

कालेया कागा मीठा मीठा बोल…

क्या है निशानी मेरी मैय्या दी… 2
ओ बाहिं दिया चूड़ियां लालो लाल…
यही है निशानी मेरी मैय्या दी…

कालेया कागा मीठा मीठा बोल…

Kaleya kaga meetha meetha bol Lyrics in English

Kaleya kaga meetha meetha bol…
Aaj meri Maiya ne aana hai…
Aaj meri Maiya ne auna hai…
Aaj Mahakali ne auna hai…

Kya hai nishani meri Maiya di… (2)
O sire diyan chuniyan laalo laal…
Yahi hai nishani meri Maiya di…

Kaleya kaga meetha meetha bol…

Kya hai nishani meri Maiya di… (2)
O mathe diyan bindiya laalo laal…
Yahi hai nishani meri Maiya di…

Kaleya kaga meetha meetha bol…

Kya hai nishani meri Maiya di… (2)
O gale da ye haar laalo laal…
Yahi hai nishani meri Maiya di…

Kaleya kaga meetha meetha bol…

Kya hai nishani meri Maiya di… (2)
O ange diyan sadiyan laalo laal…
Yahi hai nishani meri Maiya di…

Kaleya kaga meetha meetha bol…

Kya hai nishani meri Maiya di… (2)
O bahi diyan choodiyan laalo laal…
Yahi hai nishani meri Maiya di…

Kaleya kaga meetha meetha bol…

Lyrics Explaination

भजन “कालेया कागा मीठा मीठा बोल…” एक बहुत ही भावनात्मक और भक्तिपूर्ण गीत है जो माँ के स्वागत और उसकी दिव्य उपस्थिति को दर्शाता है। आइए इसके प्रत्येक पंक्ति का हिंदी में सरल अर्थ समझते हैं:


कालेया कागा मीठा मीठा बोल…

भावार्थ:
हे काले रंग के कौए! तू मधुर स्वर में बोल।
यहाँ कौआ शुभ समाचार का प्रतीक माना गया है। भक्त माँ के आगमन की सूचना पाने के लिए कौए से आग्रह करता है।


आज मेरी मैय्या ने आणा है… / औणा है… / महाकाली ने औणा है…

भावार्थ:
आज मेरी माँ (दुर्गा, या महाकाली) आने वाली हैं।
भक्त उत्साहित है कि आज माँ स्वयं उसके घर या जीवन में आने वाली हैं। यह माँ के दर्शन या कृपा की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है।


क्या है निशानी मेरी मैय्या दी… (2 बार)

भावार्थ:
मेरी माँ की पहचान या निशानी क्या है?
भक्त माँ की उपस्थिति की पहचान को खोजने या दर्शाने की बात करता है।


ओ सिरे दिया चुनियां लालो लाल…

भावार्थ:
माँ के सिर की चुनरियाँ लाल रंग की हैं।
लाल चुनरी माँ की शक्ति, सौंदर्य और मंगलता का प्रतीक है।


यही है निशानी मेरी मैय्या दी…

भावार्थ:
यही मेरी माँ की पहचान है।
भक्त कहता है कि लाल चुनरी ही माँ की उपस्थिति और पहचान है।


इसी तरह अन्य अंतरे भी यही बात दोहराते हैं, बस माँ की अलग-अलग चीज़ों को उनकी पहचान बताया गया है:


माथे दिया बिंदिया लालो लाल…

माँ के माथे की बिंदी लाल रंग की है — यह माँ की सौम्यता और दिव्यता का प्रतीक है।

गले दा ये हार लालो लाल…

माँ के गले का हार लाल है — यह माँ के श्रृंगार और वैभव को दर्शाता है।

अंगे दिया साड़ियां लालो लाल…

माँ के वस्त्र (साड़ी) लाल रंग के हैं — यह माँ के पवित्र और शक्तिशाली रूप का प्रतीक है।

बाहिं दिया चूड़ियां लालो लाल…

माँ की बाँहों की चूड़ियाँ लाल रंग की हैं — माँ का आभूषण और स्नेह दर्शाने का संकेत।


भावनात्मक सारांश:

यह भजन माँ की दिव्यता, श्रृंगार, और उसके भक्त के हर्षोल्लास को बहुत सुंदर शब्दों में दर्शाता है। प्रत्येक वस्तु (चुनरी, बिंदी, हार, साड़ी, चूड़ियाँ) माँ के अलग-अलग स्वरूपों को दर्शाती हैं — साथ ही लाल रंग शक्ति, प्रेम, और सौभाग्य का प्रतीक है।

Conclusion (निष्कर्ष):

इस भजन में माँ महाकाली की झलक मात्र से मन श्रद्धा से भर उठता है। माँ की हर लाल वस्तु — चाहे वो चुनरी हो या बिंदी — उनके शक्तिशाली और प्रेममय स्वरूप की प्रतीक है। भक्त कौवे से भी अनुरोध करता है कि आज कोई अशुभ न हो, सिर्फ माँ का स्वागत हो। “कालेया कागा मीठा मीठा बोल…” एक पुकार है, एक आस्था है, और माँ के स्वागत की तैयारी में डूबे मन का सुंदर चित्रण है। जब माँ आती हैं, तो केवल घर नहीं, पूरा हृदय रोशनी से भर जाता है।

Devi ke Bhajan

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Naman Sharma

Naman Sharma, Content Creator, writer, Blogger, YouTuber, Folk Song Writter