घणयां घणयां जंगला च रैंदी माता मेरिए

“घणयां घणयां जंगलां च रैंदी माता मेरिए” एक बेहद भावपूर्ण और लोकभाषा में रचा गया माता रानी का...

Ghaneya Ghaneya jangla ch raindi Mata meriye lyrics

By Naman Sharma

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“घणयां घणयां जंगलां च रैंदी माता मेरिए” एक बेहद भावपूर्ण और लोकभाषा में रचा गया माता रानी का भजन है, जो नवरात्रि और जागरण जैसे पावन अवसरों पर विशेष रूप से गाया जाता है। इस भजन में माँ के दिव्य रूप, उनकी प्राकृतिक सुंदरता और भक्तों की श्रद्धा का अत्यंत सुंदर चित्रण किया गया है।

भजन की पंक्तियाँ जैसे – “सुहा सुहा चोला माता अंग विराजे” या “नंगे नंगे पैरी मैया अकबर आया” – न केवल माँ के रूप की भव्यता को दर्शाती हैं, बल्कि उनके प्रति हिंदू समाज की गहरी आस्था और प्रेम को भी उजागर करती हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे माँ जंगलों में वास करती हैं, और फिर भी दुनिया भर के भक्त उनकी भव्यता देखने को उमड़ पड़ते हैं।

ये भजन लोक संस्कृति, भक्ति और इतिहास का अद्भुत संगम है — जहां माँ दुर्गा को सम्राट अकबर तक सिर नवाते हैं और हर भक्त उनके दरबार में चढ़ावे लेकर आता है। यह भजन न सिर्फ सुनने में मधुर है, बल्कि मन और आत्मा दोनों को माँ की भक्ति में रंग देता है।

Ghaneya Ghaneya jangla ch raindi Mata meriye Lyrics in Hindi

घणयां घणयां जंगलां च रैंदी माता मेरिए
देखने का सुन्दर नज़ारा हो,

सुहा सुहा चोला माता अंग विराजे,
केसर तिलक लगाया हो,
घणयां घणयां ……….

नंगे नंगे पैरी मैया अकबर आया,
सोने दा छतर चढ़ाया हो,
घणयां घणयां ……

पान सफारी माता धवजा नारियल,
कइने कइने माता तेरा भवन बनाया हो,
घणयां घणयां …….

चोटस पौड़ी माता चडया ना जावे,
दूर तो जय जय कारा हो,
घणयां घणयां …….

Ghaneya Ghaneya jangla ch raindi Mata meriye Lyrics in English

Ghanayaan Ghanayaan Janglaan Ch Rehndi Mata Meriye
Dekhne Ka Sundar Nazaara Ho

Suha Suha Chola Mata Ang Viraaje
Kesar Tilak Lagaaya Ho
Ghanayaan Ghanayaan…

Nange Nange Pairi Maiya Akbar Aaya
Sone Da Chhatar Chadhaaya Ho
Ghanayaan Ghanayaan…

Paan Saffaari Mata, Dhwaja Naariyal
Kaine Kaine Mata Tera Bhawan Banaaya Ho
Ghanayaan Ghanayaan…

Chotas Paudi Mata Chadya Na Jaave
Door Toh Jai Jai Kaara Ho
Ghanayaan Ghanayaan…

Conclusion

“घणयां घणयां जंगलां च रैंदी माता मेरिए” भजन सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि माँ दुर्गा के प्रति सच्ची भक्ति, श्रद्धा और आस्था का जीवंत प्रमाण है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि चाहे माता रानी घने जंगलों में निवास करें या ऊँचे पहाड़ों पर विराजमान हों, उनका तेज, उनकी सुंदरता और उनकी कृपा हर भक्त तक पहुँचती है।

भक्तों की अटूट श्रद्धा, ऐतिहासिक प्रसंगों का उल्लेख और लोक भाषा की मिठास इस भजन को खास बनाती है। माँ के लिए बनते मंदिर, ध्वजाओं और नारियल से सजे दरबार, और दूर से आती जय-जयकार की गूंज — यह सब मिलकर एक ऐसा आध्यात्मिक माहौल बनाते हैं जो मन को सुकून और आत्मा को शांति देता है।

इस भजन के माध्यम से हम यह महसूस करते हैं कि माँ न केवल शक्ति की प्रतीक हैं, बल्कि ममता, सौंदर्य और करुणा की भी मूर्त रूप हैं। जब भी हम यह भजन गाते या सुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे माँ खुद हमारे सामने विराजमान हो गई हों।

जय माता दी।

Devi ke Bhajan

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