“लाल रंग चढ़ेया गुलाबी रंग चढ़ेया” एक सुंदर भजन है जो मां शेरावाली (दुर्गा माता) की महिमा और भक्तों के उनके प्रति गहरे प्रेम को दर्शाता है। इस भजन में बताया गया है कि जो भक्त मां के मंदिर आते हैं, उन्हें लाल और गुलाबी रंग से सजाया जाता है, जो शुभ और मंगल का प्रतीक है।
भजन में मीराबाई, भीलनी माई और ध्यानु जैसे भक्तों का उल्लेख है, जो अपनी भक्ति और प्रेम से मां के साथ अपना जुड़ाव दिखाते हैं। यह भजन दिल को छू लेने वाला है और श्रद्धा से भरे मन को शांति और उत्साह से भर देता है।
Table of Content
इस भजन को गाकर भक्तों का मन मां के करीब होता है और उन्हें उनकी शक्ति और कृपा का एहसास होता है।
Lal rang chadheya Gulabi rang chadheya Lyrics in Hindi
जयकारा शेरावाली दा,
बोल सच्चे दरबार की,
॥ जय ॥
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया,
चढ़ेया चढ़ाया जेहड़ा माँ दे मंदिर आया,
ओनु लाल रंग चढ़ेया,
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
ऐ रंग मीराबाई नू चढ़ेया,
मीरा नू चढ़ेया जी, मीरा नू चढ़ेया,
मीरा करे कलोल, मेरे श्याम मेरे कोल,
मैनू किसे दी ना लोड,
मैनू लाल रंग चढ़ेया,
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
ऐ रंग भीलनी माई जी नू चढ़ेया,
माई जी नू चढ़ेया जी, माई जी नू चढ़ेया,
भीलनी करे कलोल, मेरे राम मेरे कोल,
मैनू किसे दी ना लोड, मैनू लाल रंग चढ़ेया,
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
ऐ रंग ध्यानु भक्त नू चढ़ेया,
भक्त नू चढ़ेया जी, भक्त नू चढ़ेया,
ध्यानु करे कलोल, मेरे मईयाँ मेरे कोल,
मैनू किसे दी ना लोड, मैनू लाल रंग चढ़ेया,
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया,
चढ़ेया चढ़ाया जेहड़ा माँ दे मंदिर आया,
ओनु लाल रंग चढ़ेया,
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
Lal rang chadheya Gulabi rang chadheya Lyrics in English
Jaikara Sherawali Da,
Bol Sachhe Darbaar Ki,
Jai!
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya,
Chadheya chadhaya jehda maa de mandir aaya,
Onu lal rang chadheya,
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya…
Ai rang Mirabai nu chadheya,
Meera nu chadheya ji, Meera nu chadheya,
Meera kare kalol, mere Shyam mere kol,
Mainu kise di na load,
Mainu lal rang chadheya,
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya…
Ai rang Bhilni Mai ji nu chadheya,
Mai ji nu chadheya ji, Mai ji nu chadheya,
Bhilni kare kalol, mere Ram mere kol,
Mainu kise di na load,
Mainu lal rang chadheya,
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya…
Ai rang Dhyanu bhakt nu chadheya,
Bhakt nu chadheya ji, bhakt nu chadheya,
Dhyanu kare kalol, mere Maiyaan mere kol,
Mainu kise di na load,
Mainu lal rang chadheya,
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya…
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya,
Chadheya chadhaya jehda maa de mandir aaya,
Onu lal rang chadheya,
Lal rang chadheya, gulabi rang chadheya…
Lyrics Explain
जयकारा शेरावाली दा,
माँ शेरावाली का जयकारा बुलंद करो।
बोल सच्चे दरबार की,
सच्चे दरबार की जय बोलो — माँ का दरबार सत्य है।
॥ जय ॥
जय माँ की — यह भक्ति का उद्घोष है।
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया,
भक्ति का लाल और गुलाबी रंग भक्त के तन-मन पर चढ़ गया है।
चढ़ेया चढ़ाया जेहड़ा माँ दे मंदिर आया,
जो भी माँ के मंदिर आया, उस पर यह दिव्य रंग स्वतः चढ़ गया।
ओनु लाल रंग चढ़ेया,
वो माँ की कृपा में रंग गया।
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
यह रंग भक्तिभाव, प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है।
ऐ रंग मीराबाई नू चढ़ेया,
यह भक्ति का रंग मीरा बाई को भी चढ़ा था।
मीरा नू चढ़ेया जी, मीरा नू चढ़ेया,
मीरा पूरी तरह से इस प्रेम और भक्ति में रंग गई थीं।
मीरा करे कलोल, मेरे श्याम मेरे कोल,
मीरा अपने श्याम (कृष्ण) के संग हर्षोल्लास में झूमती थी।
मैनू किसे दी ना लोड,
उसे दुनिया की किसी और चीज़ की कोई चिंता नहीं थी।
मैनू लाल रंग चढ़ेया,
वह पूर्ण रूप से भक्ति के रंग में रंग गई।
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
यह रंग अब हर सच्चे भक्त पर चढ़ता है।
ऐ रंग भीलनी माई जी नू चढ़ेया,
यह रंग भीलनी माता को भी चढ़ा था।
माई जी नू चढ़ेया जी, माई जी नू चढ़ेया,
माँ शबरी (भीलनी) भी राम भक्ति में रंग गई थीं।
भीलनी करे कलोल, मेरे राम मेरे कोल,
शबरी राम के साथ आनंद में मगन थीं।
मैनू किसे दी ना लोड, मैनू लाल रंग चढ़ेया,
शबरी को बस राम ही चाहिए थे, बाकी सब व्यर्थ।
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
वही प्रेम रंग उनके जीवन को बदल गया।
ऐ रंग ध्यानु भक्त नू चढ़ेया,
यह रंग ध्यानु भक्त को भी चढ़ा — जिसने माँ को सच्चे भाव से पुकारा।
भक्त नू चढ़ेया जी, भक्त नू चढ़ेया,
ध्यानु पूरी तरह भक्ति में सराबोर हो गया।
ध्यानु करे कलोल, मेरे मईयाँ मेरे कोल,
ध्यानु माँ के सानिध्य में आनंद में झूम उठा।
मैनू किसे दी ना लोड, मैनू लाल रंग चढ़ेया,
उसके लिए माँ ही सब कुछ थीं — और यही उसका रंग था।
लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया,
यह रंग अब हर सच्चे भक्त को चढ़ता है जो माँ के चरणों में आता है।
चढ़ेया चढ़ाया जेहड़ा माँ दे मंदिर आया,
माँ के मंदिर में आने से ही यह रंग लग जाता है — बिना कहे।
ओनु लाल रंग चढ़ेया, लाल रंग चढ़ेया, गुलाबी रंग चढ़ेया…
भक्ति, प्रेम और माँ की कृपा का रंग भक्त पर छा जाता है।
Conclusion
“लाल रंग चढ़ेया गुलाबी रंग चढ़ेया” भजन हमें मां शेरावाली की महिमा और भक्तों की श्रद्धा की याद दिलाता है। यह भजन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम से ही हम मां के करीब पहुंच सकते हैं।
जब हम इस भजन को मन से गाते हैं, तो हमारे दिल में विश्वास, सुकून और ऊर्जा का संचार होता है। मां की कृपा हमारे जीवन को सुख, शांति और सफलता से भर देती है।
यह भजन न केवल हमारी आत्मा को प्रोत्साहित करता है, बल्कि हमें अपने रिश्तों और जीवन के हर पहलू में मां के आशीर्वाद की जरूरत भी महसूस कराता है।